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Tuesday, November 9, 2010

रोहित भैया और अजय की चुदाई


रोहित भैया और अजय की चुदाई (प्रेम कथा)
 
सभी दोस्तों को एक बार फिर से मेरा प्यार भरा नमस्कार. मेरी पहली कहानी में मैंने राजेश भैया, करण भैया, रोहित भैया और अजय के बारे में बताया था. मैंने ये भी बताया था की राजेश भैया, करण भैया और रोहित भैया अलग अलग और कभी साथ मिलकर मेरी और अजय/
span> की गांड पूरे २ साल तक लगातार मारते रहे. मेरी ये दूसरी कहानी उस समय की है जब मुझे ये नहीं पता था की तीनो भैया अजय को भी चोदते हैं. ये कहानी रोहित भैया और अजय की चुदाई की प्रेम कथा है.
 
बात एक शनिवार की है. मैं राजेश भैया के बुलाने पर हॉस्टल से शाम को बस पकड़ कर निकला और उनके फ्लैट पे करीब ६ बजे पहुँच गया. हमेशा की तरह मुझे मालूम था कि तीनो भैया आज मेरी जम कर गांड मारेंगे. साड़ी रात मुझे सोने नहीं देंगे और अपना लंड पेल पेल के मेरी गांड का कचूमर निकाल द
ेंगे. खैर मैं भी तो अब हमेशा यही चाहता था कि मैं सारी रात उन तीनो कि बाँहों में समाया रहूँ और उनके प्यार के साथ साथ उन तीनो के लंड का भी पूरा मजा लूँ.
 
मुझे आया देख के तीनो के चेहरे पे मुस्कराहट आ गयी और तीनो की आँखों में वही पुरानी चमक आ गयी. मैंने सबको विश किया और उनके साथ ही ड्राईंग रूम में बैठ गया. रोहित भैया ने अजय को आवाज़ लगा के चाय लाने को बोल दिया. अजय थोड़ी देर में चाय बना के ले आया, साथ में बिस्कुट भी रख दिए. अजय चाय रख �
��र जैसे ही जाने लगा, रोहित भैया ने उसे वहीँ रोक लिया और कुछ निर्देश देने लगे. चूँकि वो बहुत धीरे धीरे बोल रहे थे इसलिए मैं नहीं सुन पाया की उन्होंने अजय से क्या कहा. हम चाय का मजा लेने लगे. तभी अजय किचन से एक खाली झोला लेके बाहर आया और रोहित भैया के पास आकर रुक गया. रोहित भैया ने जे�
�� से निकाल के उसे 100 रूपए दिए और जल्दी से बाज़ार जाके वापस आने को कहा. अजय ने हाँ कर दी और वो बाज़ार चला गया.
 
कुछ देर में अजय बाज़ार से वापस आ गया और सामान का झोला लेके सीधा किचन में चला गया. रोहित भैया भी तुरंत उसके पीछे पीछे किचन में चले गए. हमने चाय फिनिश की और इधर उधर की बातें करने लगे. कुछ देर में रोहित भैया किचन से वापस आ गए. उबके हाथ में एक व्हिस्की की बोतल थी और साथ में ब
हुत सारा नमकीन और स्नेक्क्स थे. उन्होंने आते ही सारा सामान सेंटर टेबल पर करीने से लगा दिया और अजय को 4 ग्लास, ठंडा पानी और आईस क्यूब्स लाने के लिए आवाज़ लगा दी. अजय तुरंत सारा सामान टेबल पे रख गया. रोहित भैया ने सभी के लिए पैग बनाये और सबको एक एक पैग दे दिया. हमन�
�� चीर्स बोल के आपस में जाम टकराए और पहला सिप लिया.
 
चूँकि अब तक तीनो भैया मुझे बहुत बार चोद चुके थे, हमारे बीच दारू के साथ साथ थोड़ा बहुत हल्का फुल्का सेक्स भी चल रहा था. हम बीच बीच मैं एक दूसरे को किस कर रहे थे. कभी कभी रोहित भैया मुझे आंख मार देते थे और लुंगी के साइड से अपना लंड भी दिखा देते थे. हमन�
�� मस्ती मस्ती मैं पहला पैग ख़तम कर दिया. अब तक. सभी को थोडा थोडा सुरूर आ गया था. दूसरा पैग बना के रोहित भैया बोले मैं किचन से आईस लेके अता हूँ. राजेश भैया ने कहा भी की आईस यहाँ पर रखी है पर रोहित भैया ने इसे अनसुना कर दिया और किचन मैं चले गए. २-३ मिनट बाद वो आईस लेके वापस आ गए और हमारे साथ दारू पीने लगे. मै
ंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. सबने दूसरा पैग भी ख़तम कर दिया. जब तीसरा पैग बना के रोहित भैया आईस मौजूद होने के बावजूद फिर से किचन मैं आईस लेने गए तब मुझे थोड़ा शक हुआ की आखिर ये चक्कर क्या है? मैंने टॉयलेट जाने के लिए बोला और ड्राईंग रूम से बाहर निकल आया.
 
मैंने टॉयलेट जाने के बदले किचन की तरफ जाने का सोचा की आखिर ये मामला क्या है जरा पता तो करूँ. यही सोच के मैं किचन की खिड़की के पास आ कर रुक गया. मैंने धीरे से अन्दर झांका तो मुझे सारा मामला एक मिनट मैं समझ मैं आ गया. रोहित भैया बड़े ही प्यार से अजय के मुहं मैं अपना मोटा ल�
��ड़ा डाल के मजे से चुसवा रहे थे. मैं एकदम सकते मैं आ गया जब मैंने ये देखा की रोहित भैया अजय से लंड चुसवा रहे हैं. मुझे यकीन हो गया की तीनो भैया अजय को मेरे जैसे ही चोदते होंगे. अजय भी लगभग पूरा नंगा था और अजय का 6.5 इंची लंड भी बुरी तरह फनफना रहा था. 2-3 मिनट तक मैं उनक�
�� प्रेम लीला देखता रहा. मेरा भी लवड़ा अब पूरा तन्ना गया था. जैसे ही मुझे लगा की रोहित भैया किचन से वापस जाने वाले हैं, मैं तुरंत वहां से हट गया और जल्दी से टॉयलेट मैं घुस गया. टॉयलेट से निपट के मैं रूम मैं आ गया. रोहित भैया मेरे से पहले ही वहां आके बैठ चुके थे. अब चूँकि मैंने तीनो भैय
ा के अलावा अजय का नया मस्त ६.५ इंची लम्बा और मोटा लंड आज देख लिया था मेरे अन्दर एक आग सी लग गयी. मैं अब यही सोचने लगा की कैसे इस मस्त लंड का मजा जल्दी से जल्दी लूँ और अजय से अपनी गंद मरवाऊँ? खैर मैं वापस सबके साथ दारू पीने लगा.
 
दारू जम के पीने के बाद खाना खाने से पहले सब फ्लैट की छत पर आ गए और सिगरेट का मजा लेने लगे. रोहित भैया ने हम सबके लिए चेयर्स दाल दीं और ये बोल के नीचे चले गए की वो फ्रेश होने और किचन मैं खाना गरम करने मैं अजय की हेल्प करने जा रहे हैं. जाते जाते वो ये भी बोल गए की हम सब छत प��
� आराम करैं और खाना गरम होते ही वो हमको आवाज़ देके नीचे बुला लेंगे. मैं एकदम समझ गया की अब मजा आयेगा अजय और रोहित भैया की प्रेम क्रीडा देखने मैं. रोहित भैया को नीचे गए हुए जब ५ मिनट हो गए तब मैं राजेश भैया से लैट्रीन जाने का बहाना बना के नीचे आ गया और सीधे किचन की तरफ चल दिया. मुझे एकदम निराशा हुई जब मैंने दोनों को वहां नहीं देखा. तुरंत मेरे दिमाग मैं ये आ गया की जरूर दोनों रोहित भैया के कमरे पे होंगे. मेरा ख़याल सही निकला जब मैंने रोहित भैया के दरवाजे के कीहोल से अन्दर झाँका.
 
दोनों बैड पे पुरे नंगे होके मजे ले रहे थे और 69 पोजीशन मैं एक दुसरे का लौड़ा चूस रहे थे. रोहित भैया अजय के पूरे शरीर को चाटने के साथ साथ बुरी तरह काट भी रहे थे और अजय दर्द के मरे चिल्ला रहा था. अजय का चिल्लाना सुन सुन के रोहित भैया पूरे जानवर जैसा बर�
��ताव कर रहे थे और गन्दी गन्दी गाली भी दे रहे थे. तभी रोहित भैया ने अजय के पूरे शरीर, लंड और गांड पर खूब सारी दारू डाल दी और उसे अपनी जीब से चाटने लगे और पीने लगे. अजय का हसीन और जवान जिस्म दारू के नशे मैं और निखर आया और कुंदन की तरह चमकने लगा. बहुत देर तक अजय के जिस्म का मज़ा लेने के बा
द रोहित भैया आराम से लेट गए और अजय को बोले "चल गांडू अब तेरी बारी है". अजय ये सुन के चौंक गया क्यूंकि अब तक अजय की कभी हिम्मत नहीं हुई थी की वो रोहित भैया की गांड के बारे में कभी सोचे. अजय ने रोहित भैया के लंड का ही स्वाद लिया था अभी तक. आज जब उसे ये सुनहरी मौक़ा मिला तो अजय को 
तो जैसे स्वर्ग मिल गया.अजय एकदम आज्ञाकारी बालक की तरह तुरंत उठा और रोहित भैया की गांड पे बटर लगा के उसे चाटने लगा. अजय की जीब अब रोहित भैया की गांड का पूरा मजा ले रही थी. रोहित भैया अपने दोनों हाथों से अपनी गांड को खोल के बोले "मादरचोद जीब अन्दर तक डाल और गांड का नमकीन टेस्ट कर". अजय और ज्यादा फुर्ती से अपना काम करने लगा. बटर और थूक के मिश्रण से रोहित भैया की गांड एकदम चिकनी हो गयी और मजे से अजय की जीब घुसवाने लगी. करीब 10-12 मिनट तक ये गांड चुसवायी का कार्यक्रम चलता रहा.
 
मैं अब तक पागल हो चूका था. मुझे नीचे आये हुए काफी देर हो चुकी थी इसलिए मैं ऊपर गया और राजेश भैया को ये बोल के तुरंत नीचे आ गया की मैं भी खाना गरम करवा रहा हूँ किचन मैं. वास्तव में मैं ही जानता था की मैं क्या गरम करवा रहा हूँ नीचे किचन में. मैंने दुबारा कीहोल में आंख लगा 
दी. अब उनका प्यार परवान चढ़ चूका था. रोहित भैया अपने लोडे पे दारू दाल रहे थे और अजय उसे मस्त पी रहा था जैसे वो अमृत हो. रोहित भैया ने रुक के अजय को पलट दिया और वहीँ पड़ा देसी धी का डब्बा खोल के अजय की गांड और अपने लंड पे अच्छी तरह घी लगा लिया. अजय ने प्यार भरी हरकत करते हुए अपनी गांड को हवा में /
span>लहराया और रोहित भैया के लंड को अपनी गांड में समाने के लिए तैयार हो गया. रोहित भैया ने लंड का सुपाडा अजय की गांड पे लगाया और जोर का धक्का दिया. लंड हिचकोले खाता हुआ पूरा अजय की गांड में समा गया. अजय एक मछली की तरह तड़प उठा. भैया ने उसे कस के जकड लिया और पेलने लगे अपना मोटा लंड अजय की ग�
��ंड में. अजय उचक उचक के उनके धक्कों का जवाब देने लगा.
 
बीच बीच में रोहित भैया और अजय एक दुसरे के लिप्स भी चूस रहे थे. अब रोहित भैया ने पोजीशन चेंज करके अजय को कुतिया जैसे चोदना शुरू कर दिया. दोनों अपने प्यार की चरम सीमा पर थे. दोनों को देख के सेक्स से ज्यादा प्यार का अंदेशा होता था. रोहित भैया में गजब का स्टेमिना था. उन्ह�
��ंने पोजीशन चेंज कर कर के करीब 15-20 मिनट अजय को भरपूर चोदा. जैसे ही रोहित भैया झड़ने को तय्यार हुए, उन्होंने अजय को सीधा करके अपने लोडे का सारा अमृत अजय के मुहं में छोड़ दिया. अजय एक साँस में वो सारा अमृत पी गया. अब रोहित भैया ने अपने लंड का बाकि बचा पानी बूँद बूँद �
��रके अजय के मुहं में दुबारा भर दिया और उसे पीने से मना कर दिया. अजय आश्चर्य में पड़ गया की रोहित भैया ने उसे बचा हुआ अमृत पीने से क्यूँ मना किया. खैर उसने पानी मुहं में ही रखे रखा.
 
अब रोहित भैया उल्टा लेट गए और उन्होंने अजय से मुहं का सारा पानी अपनी गांड पे लगाने को कहा. अजय ने तुरंत अपने मुहं का सारा पानी रोहित भैया के होल पे लगा दिया और भैया के पानी से उनकी गांड जीब से अन्दर तक गीली कर दी. रोहित भैया ने अजय को अपने ऊपर आने को कहा. अजय डर के मारे 
समझ ही नहीं पाया की वो क्या करे. रोहित भैया ने अब अपनी असली भाषा में उसे बोला "अबे गांडू क्या तेरे लोड़े का मन नहीं करता मेरी गांड फाड़ने का?" अजय को तो जैसे करंट लग गया की आज साहब उसका लंड लेने को तैयार हैं. अजय बोला "क्यूँ नहीं साहब, मेरा लंड तो आपको देख के हमे��
�ा लवड़ा बन जता है. में तो आपको चोदने का बस ख्वाब ही देखता था". रोहित भैया बोले "अरे तूने ये कैसे सोच लिया की मैं तेरा 6.5 इंच का लवड़ा ऐसे ही बेकार जाने दूंगा? आजा राजा, आज अपना ख्वाब पूरा करले और मेरी गांड को चोद के अपने लवडे की प्यास भी बुझा ले". �
��जय ने रोहित भैया की गांड को दोनों हाथों से खोला और अपने लवडे का सुपाडा उनकी गांड पे लगा के हल्का सा धक्का दिया. सुपाड़ा अन्दर जाते ही रोहित भैया एकदम उचक गए और उन्होंने अजय का लंड हाथ से हटा दिया. शायद रोहित भैया ने अब तक ज्यादा लंड नहीं लिए थे और उनकी गांड बहुत टाईट थी. �
��जय ने घबरा के उनसे माफी मांगी. रोहित भैया बोले "कोई बात नहीं है यार, माफी क्यूँ मांगता है? लंड नहीं डालेगा क्या"? अजय ने अबकी बार लंड उनकी गांड पे लगाया और धक्का देने से पहले उनको जकड लिया ताकि दर्द के मारे वो दुबारा लंड गांड से बाहर न निकाल पायें. अब अजय ने एक जोर का धक�
��का लगाया और पूरा लवड़ा उनकी गांड मैं पेल दिया. भैया खुशी से चिल्ला उठे और बोले "वाह क्या बात है यार तेरे लवडे मैं, साली गांड का भोसड़ा बना दिया एक ही झटके मैं".
 
अब अजय को हिम्मत आ गयी. उसने रोहित भैया की टाईट गांड को ढीला करना शुरू कर दिया. अजय ज्यादा देर तक नहीं रुक पाया और जल्दी ही उसने अपने लवडे का गरम गरम लावा भैया की गांड मैं भर दिया. भैया का पेट लावे की गर्मी से तड़प उठा. एक अजीब सी शांती मिल गयी रोहित भैया और अजय को. दोनों
 चुदाई करके बहुत ही संतुष्ट नज़र आ रहे थे जैसे उनके जन्मों की प्यास बुझ गयी हो. मैंने पूरी प्रेम कहानी का बहुत मजा लिया और रोहित भैया की जगह खुद को इस प्रेम कहानी मैं रख कर सपने देखते हुए छत पर आ गया. १० मिनट बाद रोहित भैया की आवाज़ आने पर हम नीचे गए और डिनर करने लगे. अजय और ��
�ोहित भैया मंद मंद मुस्करा रहे थे और मैं मन ही मन मुस्करा रहा था उनके प्यार की सच्चाई देख के. तो दोस्तों ये थी रोहित भैया और अजय की चुदाई की प्रेम कथा.
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